पंगास मछली का पालन कैसे करें - कम लागत में ज्यादा मुनाफा जाने पूरी जानकारी

दोस्तों पंगास मछली का पालन इतना फेमस है कि हर किसान भाई अपने मछली पालन की शुरुआत इससे  जरूर करता है।  ऐसा इसलिए भी है क्यूंकि ये मछली कम लागत में बहुत मुनाफा देती है। आज हम अपने इस लेख आपको पूरी जानकारी देने जा रहे है पंगास मछली पालन से जुड़ी।  


pangas fish
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एक एकड़ तालाब - अगर आप एक छोटे व्यापारी है तो आप एक एकड़ की जमीं से मछली पालन से शुरू कर सकते है। आपको इस एक एकड़ के तालाब को 2 मीटर खोद लेना है और ऐसा करने से आपका तालाब तैयार हो जाएगा। आपको इस तालाब को कच्चा रखना है या पक्का रखना है या प्लास्टिक मे रखना है ।  यह सब आप पर निर्भर करता है। 

  • टिप - यदि आपकी जमीन पानी ज्यादा नहीं सोखती तो आपको ऐसे में आपको तालाब कच्चा ही रखना है।  
  • अगर आपकी जमीन मे पानी ऊपर रुकता नहीं है ऐसे में आप तालाब को पक्का रख सकते है या फिर पॉलीथिन लगा सकते है।  

दोस्तों तालाब तैयार होने के बाद आपको जमीन को दो से तीन दिन तक छोड़ देना है धुप लगने के लिए।  धुप अच्छे से लगने के बाद आपको अब डालना है पानी।  तालाब में पानी डल जाने के बाद अब आपको डालना है चूना।  चूना डालने से आपके तालाब किसी भी तरह के बैक्टीरिया जो होंगे वो उसे खत्म कर देंगे।  इतना करने के बाद आपको पांच किलो यूरिया और सिंगल फास्फेट।  उसके अंदर डाल देने है। इसके बाद आपको मछलियों के लिए नेचुरल फ़ूड तैयार करना है। 

अब आपके मन मे ये प्रश्न जरूर घर कर सकता है की आखिर मछली के बीज तालाब में कब डालना चाहिए ? दोस्तों आपको मार्च से लेकर जून का महीना अच्छा माना जाता है। इसके पीछे कई सेइंटफिक्स रीज़न भी है।  ऐसे मे आपको कोशिश करनी है की आप इन महीनों के दौरान ही मछली के बीज तालाब में डालें।  

टिप - मछली के बच्चे डालते ये जरूर ध्यान रखे की उनका साइज 10 - 15 ग्राम का हो 

potassium permanganate - जब भी आप सीड डाले उससे पहले आपको सीड्स को potassium permanganate 10% के अंदर भिगोकर ही डाले जिससे की तालाब के अंदर कोई भी बीमारी अंदर ना जाए।आप 30 sec या 1 मिनट तक सीड्स को भिगो सकते है। 



लो डेंसिटी - पंगास मछली को लौ डेंसिटी मे ही डाले है।  इसका कारन है की ऐसा करने से बीमारी होने की सम्भावना कम रहती है। वही हाई डेंसिटी के अंदर थोड़े रिस्क ज्यादा होते है।इसका मतलब आप 1 एकड़ मे 10 से 12 हजार पंगास मछली के बच्चे डालने है।    

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फ़ॉर्मूलेटेड फ्लोटिंग फिश सीड - पंगास मछली की खासियत ये है की ये भोजन पानी के ऊपर ही आकर खाती है और सास लेने के लिए भी पंगास मछली पानी के ऊपर आती है।  दोस्तों इसलिए ये कारन है की हमने अपने तालाब को 2 फ़ीट  गहरा किया है। अगर मान लीजिये आप तालाब को गहरा नहीं करते है ऐसे मे पंगास मछली जब तालाब में नीचे से आने में जो एनर्जी लगाएगी।  इससे इस मछली का वेट नहीं गेन होगा।  इसलिए हमेशा तालाब को हमेशा पंगास मछली के लिए 2 फ़ीट गहरा ही खोदे।  

  • टिप - फ़ॉर्मूलेटेड फ्लोटिंग फिश सीड कई तरह का आता है।  यह निर्भर करता है पंगास मछली के बच्चे के भार पर।  हम आपको यहाँ सारणी दे रहे है जिससे की आप देख सकते है की आपको कितने nm का सीड डालना है। 
  • पंगास मछली के बच्चे के फीड को कम से कम 30 परसेंट प्रोटीन तो देना ही है 
  • हर दसवें दिन आपको फीड को revise  करना है। या फिर जाल से एक दो मछली को निकाल कर चेक करना है। की आपने कितना फीड दिया है और उसका कितना वेट हुआ है।
  • विटामिन c  आपको हर 15 दिन बाद देना है यह देना बहुत जरुरी है क्यूंकि पंगास मछली के अंदर जो एक बीमारी आती है वो आती है उसकी स्किन में।  
  • पंगास मछली और कमाई -  बाजार में 1 kg पंगास मछली 130 से 150 तक के बीच बिकती है। ऐसे मे आप 4 से 5 लाख की लागत से 8 लाख रुपए से अधिक कमा सकते है।  

तो दोस्तों आज आपने जानी की कैसे पंगास मछली का पालन आप एक एकड़ से कर सकते है और किन - किन बातो का ध्यान इस दौरान रखा जा सकता है।आपको ये जानकारी कैसी लगी हमे लिख भेजिए कमेंट सेक्शन मे मिलते है फिर एक नए के लेख साथ। धन्यवाद 







 


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